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रोहित वेमुला की शहादत की बरसी पर आइसा और आरवाईए ने जुलूस निकाला, सभा की

इलाहाबाद। रोहित वेमुला की शहादत की बरसी पर ऑल इंडिया स्टूडेंट्स एसोसिएशन (आइसा) व इंकलाबी नौजवान सभा (आरवाईए) ने स्वराज भवन से गांधी प्रतिमा बालसन चौराहे तक जुलूस निकालकर सभा की और रोहित के सपने को पूरा करने की लड़ाई जारी रखने का संकल्प लिया।

सभा का संचालन करते हुए आइसा इलाहाबाद के अध्यक्ष विवेक सुल्तानवी ने कहा कि 17 जनवरी 2016 को हैदराबाद सेंट्रल यूनिवर्सिटी के पीएचडी स्कॉलर रोहित वेमुला की यूनिवर्सिटी प्रशासन और भाजपा सरकार ने प्रताड़ित कर संस्थानिक हत्या कर दी। रोहित शहीद-ए-आज़म भगत सिंह और डॉ. अम्बेडकर के सपनों का देश बनाने सपना देखते थे। सरकार और यूनिवर्सिटी प्रशासन को यह मंजूर नहीं था इसलिए उनको इस तरह से प्रताड़ित किया कि उनको आत्महत्या करनी पड़ी।

उन्होंने कहा कि आज साथी रोहित हमारे बीच होते तो शिक्षा के बचाने की लड़ाई नौजवानों के रोजगार के अवसरों व भविष्य पर हो रहे हमलों के खिलाफ आन्दोलन में हमारे साथ होते। भाजपा-आरएसएस द्वारा देश के संविधान, लोकतंत्र, आज़ादी व भाईचारे पर किए जा रहे हमलों के दौर में साथी रोहित की सोच और भी ज्यादा प्रासंगिक हैं और हमें इन हमलों के खिलाफ लड़ने की प्रेरणा देते हैं।

आरवाईए के प्रदेश सचिव सुनील मौर्य ने कहा कि रोहित के हत्यारे को अभी तक सजा नहीं मिली बल्कि इस भाजपा-आरएसएस के शासन में सैकड़ों रोहित को दुनिया छोड़नी पड़ी। आज उन सारे रोहितों के न्याय की लड़ाई को आगे लड़ने की जरूरत है। इसलिए भगत सिंह – अम्बेडकर के विचारों पर चलने वाले संगठन ऑल इण्डिया स्टूडेंट एसोसिशन और इंकलाबी नौजवान सभा की यह जिम्मेदारी है कि इन लड़ाइयों को जारी रखा जाय।

श्री मौर्य ने कहा कि मोदी सरकार अपना दूसरा कार्यकाल पूरा करने को है। यह दस साल देश के लिए तबाही-बर्बादी का समय रहा। विरोध की आवाजों को कुचल देने की कवायद जारी है। न्याय की परिभाषा बदल दी गई है। विनाश इस शासन में विकास कहलाया जाने लगा और नफरत का कारोबार उफान पर है। ऐसे समय में देश के छात्र,नौजवानों की जिम्मेदारी है कि वो मुल्क को बचाने के लिए आगे आएं और न्याय की लड़ाई को आगे बढाएं।

प्रदर्शन में शिवरतन, आशू, अमन , राहुल, प्रदीप ओबामा, उज्ज्वल, भानु , वैभव , समेत कई लोग शामिल रहे।

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