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अल्पसंख्यक अधिकार दिवस पर मदरसा आधुनिकीकरण शिक्षकों ने छह साल से मानदेय न मिलने का मुद्दा उठाया 

गोरखपुर। अल्पसंख्यक अधिकार दिवस के मौके पर सरकार द्वारा संचालित सामाजिक, आर्थिक, शौक्षिक योजनाओं पर रोशनी डाली गई। अल्पसंख्यक समुदाय ने अपनी समस्या बयां की। प्राथमिकता के आधार पर समाधान का आश्वासन मिला। मुस्लिम, सिख, ईसाई, बौद्ध धर्म से ताल्लुक रखने वाले प्रतिनिधियों ने अपनी बातें रखीं।

मदरसा अंजुमन इस्लामिया खूनीपुर के सभागार में सोमवार को  जिला अल्पसंख्यक कल्याण विभाग की ओर से  अल्पसंख्यक अधिकार दिवस आयोजित किया गया। इस मौके पर अल्पसंख्यकों के सर्वांगीण विकास और उनके उत्थान के लिए खुलकर बात हुई। मदरसा आधुनिकीकरण शिक्षकों ने छह साल से मानदेय न मिलने की समस्या उठाई।

अध्यक्षता करते हुए जिला विकास अधिकारी राजमणि वर्मा ने कहा कि सरकार द्वारा अल्पसंख्यकों के हित में विभिन्न योजनाएं चलाई जा रही हैं। जिसका लाभ अल्पसंख्यक समुदाय को मिल रहा है। अल्पसंख्यकों को खुद से भी अपनी कमजोरियों को दूर करना है। अल्पसंख्यक अपने कंधों को मजबूत करें। अल्पसंख्यक समुदाय अच्छी शिक्षा हासिल कर समाज व देश के विकास में योगदान दें।

विशिष्ट अतिथि जिला समाज कल्याण अधिकारी वशिष्ठ नारायण सिंह ने विभाग की तमाम योजनाओं के बारे में विस्तार से बताया। कहा कि अल्पसंख्यकों का जो हक़ था वह सरकार ने देने की पूरी कोशिश की है। अल्पसंख्यकों को अपने हक़ व हुकूक के लिए जागरूक होना पड़ेगा।

जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी कमलेश कुमार मौर्य ने कहा कि सरकार की जो योजनाएं चल रही हैं सभी अच्छी हैं। योजनाओं सेे अधिक से अधिक लोगों को अच्छी नियत से लाभान्वित किया जा रहा है। अल्पसंख्यक समाज की जो भी समस्या है उसे शासन तक पहुंचा कर निवारण करवाया जाएगा।

विशिष्ट अतिथि जिला प्रोबेशन अधिकारी समर बहादुर सिंह ने महिला एवं बाल कल्याण से संबंधित योजनाओं पर प्रकाश डाला।

गुरुद्वारा कबीर साहब मगहर की प्रशासक बीबी परमजीत कौर राना ने आपसी भाईचारे व प्रेम का संदेश देते हुए सभी को गुरुद्वारा के विजिट के लिए आमंत्रित किया।

मदरसा शिक्षक कारी मोहम्मद अनस रजवी ने कहा कि मुसलमानों में घटता शैक्षिक दर व शिक्षा स्तर चिंता का विषय है। मदरसा प्रशासन और अधिकारियों को समूचे तौर पर इसको लेकर उचित कदम उठाना चाहिए। मदरसों को आधुनिक शिक्षा के स्तर को बेहतर करने के लिए खुद आगे आना चाहिए। शिक्षा के क्षेत्र में आगे बढ़ना होगा। जब तक हम खुद नहीं बदलेंगे तब तक हमारे हालात नहीं बदलने वाले।

मुफ्ती-ए-शहर अख्तर हुसैन ने कहा कि इल्म (ज्ञान) इंसान को अज्ञानता के अंधकार से बाहर निकालता है और मानवता का पराकाष्ठता की ओर मार्गदर्शन करता है। अल्पसंख्यक समुदाय को अपने हक़ हकूक के लिए बेदार होना पड़ेगा।

मदरसा आधुनिकीकरण शिक्षक मो. इरफान ने छह साल से मानदेय न मिलने पर पीड़ा का इजहार किया।

मदरसा प्रबंधक सैयद तहव्वर हुसैन ने मदरसा आधुनिकीकरण योजना, मदरसा मिनी आईटीआई, वक्फ सम्पत्ति मामला उठाया।

सरदार बलबीर सिंह व आदिल अमीन ने कहा कि जो भी योजनाएं चल रही है। उसे जरूरतमंदों तक पहुंचाना बेहद जरूरी है। सभी अल्पसंख्यक कल्याणकारी योजनाओं का लाभ उठाएं।

मदरसा अंजुमन इस्लामिया खूनीपुर के सदर महबूब सईद हारिस ने अल्पसंख्यकों को जागरूक रहकर सरकार की योजनाओं का लाभ उठाने पर जोर दिया।

कार्यक्रम की शुरूआत क़ुरआन-ए-पाक की तिलावत से कारी नसीमुल्लाह ने की। जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी कमलेश कुमार मौर्य ने विभाग की विभिन्न योजनाओं पर प्रकाश डाला। संचालन सैयद जफ़र हसन ने किया।

कार्यक्रम में विष्णु प्रकाश राय, राम करन कनौजिया, मोहम्मद नदीम, शाहनवाज अहमद, मो. शमीम खां, मोहम्मद फैजान, दलजीत सिंह, विनय कुमार, मो. आशिक अली, जगत नारायण यादव, रामचरित्र त्रिपाठी, हरिशंकर पांडेय, अजीत, सत्य प्रकाश सिंह, ज़ुबैर अहमद, मौलाना नूरूज्जमा, नज़रे आलम, नवेद आलम, मो आज़म , मौलाना जहांगीर अहमद, डॉ. अजीम फारुकी, सहित तमाम मदरसों के प्रधानाचार्य, शिक्षकगण व कर्मचारी उपस्थित रहे।

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