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बढ़ता सांप्रदायिक उन्माद, गांधी के सपनों के भारत को चुनौती

प्रयागराज। राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के 76वें शहादत दिवस पर भाकपा(माले), आइसा आरवाईए ने सांप्रदायिकता विरोधी मार्च निकाला। मार्च आइसा कार्यालय से शुरू होकर गांधी प्रतिमा, बालसन चौराहा पर एक संक्षिप्त सभा करके संपन्न हुआ।

सभा को संबोधित करते हुए आइसा के इकाई सचिव मनीष कुमार ने कहा कि महात्मा गांधी ने अंग्रेजों के साथ साथ सांप्रदायिकता के खिलाफ भी एक लंबी लड़ाई लड़ा। आज सांप्रदायिक उन्मादी ताकतें देश के शिक्षण संस्थानों में अपना पर जम रही हैं और शिक्षा का बड़े स्तर पर भगवाकरण कर रही हैं जिससे शिक्षा में तार्किकता व वैज्ञानिक चेतना समाप्त हो रही है और देश के युवाओं को नागरिक ना बनाकर, भक्त बनाया जा रहा है।

आरवाईए जिला सहसंयोजक सोनू यादव ने कहा कि भाजपा सरकार युवाओं को राजगार देने के बजाय उन्हें सांप्रदायिक उन्माद की ओर धकेल रही हैं। देश के युवाओं को राम नही, काम चाहिए। देशभर के युवा एक फरवरी को रेल रोको आंदोलन करेंगे जिसका मैं समर्थन करता हूं।

एमए की छात्रा साक्षी ने कहा कि देश में बढ़ते धार्मिक उन्माद के चलते महिला अधिकारों पर हमला बढ़ा है, समाज में पुरुषवादी पितृसत्तात्मक मानसिकता हावी होती दिख रही है। इससे हमें हर कीमत पर लड़ना होगा।

सभा को संबोधित करते हुए भाकपा माले जिला प्रभारी सुनील मौर्य ने कहा की मौजूदा सत्ता गांधी के भारत पर सांप्रदायिक फासीवादी विचारों को थोप रही है और संविधान व लोकतंत्र को खत्म करने की कोशिश कर रही है। और धर्म के आधार पर राष्ट्र की परिकल्पना को साकार करने की कोशिश कर रहे हैं।

इस काम में देश के कारपोरेट घराने भाजपा आरएसएस की पूरी मदद कर रहे हैं। इस मौके पर हम शपथ लेते हैं कि भारत को धार्मिक राष्ट्र में तब्दील नहीं होने देंगे हर कीमत पर संविधान और लोकतंत्र बचाएंगे और सांप्रदायिक नफरत को हराएंगे।

सभा का संचालन सुयश राय ने किया। मार्च व सभा में शिवरतन दास, सोनू यादव, राहुल, सुजीत, कंचन, अनिरुद्ध, आलोक, शशांक, प्रदीप, अनुराग चौरसिया, कृष्णमोहन यादव सहित अन्य छात्र छात्राएं शामिल रहे।

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