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जेल से छूटने के बाद श्रवण कुमार निराला बोले -आंदोलन को दबाने के लिए गिरफ्तार कर प्रताड़ित किया गया

गोरखपुर। दलितों, पिछड़ों, भूमिहीनों को जमीन दिए जाने की मांग को 29 जनवरी को चौरी चौरा से गोरखपुर तक मार्च सहूरी करने के पहले गिरफ्तार किए गए अम्बेडकर जन मोर्चा के मुख्य संयोजक श्रवण कुमार निराला 31 जनवरी को जमानत पर रिहा हो गए। जेल से छूटने के बाद श्री निराला ने कहा कि सरकार ने आन्दोलन को दबाने के लिए  उन्हें गिरफ्तार किया और प्रताड़ित किया।
दलित नेता को 27 जनवरी की रात 11 बजे बिछिया में उस समय गिरफ्तार किया गया जब वह घर जा रहे थे। उन्हें पूरी रात और 28 जनवरी को पूरे दिन शाहपुर थाने में रखा गया और शाम को शांति भंग में गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया।
श्री निराला ने 29 जनवरी को दलितों, पिछड़ों, भूमिहीनों को जमीन देने की मांग को लेकर चौरी चौरा से डा0 अम्बेडकर चौक, गोरखपुर तक जन आक्रोश मार्च का ऐलान किया था।
इसके पहले श्रवण कुमार निराला, दलित चिंतक एवं रिटायर आईजी एस आर दारपुरी, पत्रकार-लेखक रामू सिद्धार्थ को 10 अक्टूबर 2023 को मुझे ‘‘डेरा डालो, घेरा डालो’’ आन्दोलन के दौरान गिरफ्तार किया गया था। तीन सप्ताह बाद ये सभी लोग जमानत पर रिहा हुए थे।
श्रवण कुमार निराला ने बताया कि 31 जनवरी 2024 को गोरखपुर बिछिया जेल से मुझे रात लगभग 10 बजे रिहा किया गया।  गिरफ्तारी के दौरान पुलिस प्रशासन के अधिकारी मेरे ऊपर दबाव बना रहे थे और बार-बार यही कह रहे थे कि आपको दलित, पिछड़े, मुस्लिम गरीब भूमिहीनों के लिए जमीन का आन्दोलन नहीं करना है। ‘‘जन आक्रोश मार्च’’ को स्थगित कर दीजिए। यदि आन्दोलन अगर स्थगित नहीं करेगें तो उनके ऊपर इतने मुकदमें लादे जायेगें कि जिन्दगी बर्बाद हो जायेगी। गोरखपुर जिला, मुख्यमंत्री का जिला है यहां कोई आन्दोलन नही होने दिया जायेगा।
उन्होंने कहा कि 27 जनवरी की रात में जब उनकी गिरफ्तारी हुई तो पुलिस ने उन्हें घर वालों को भी सूचना नहीं देने दिया और ना ही संगठन के किसी साथी से बात करने दिया। साथी और घर वाले जब पुलिस अधिकारियों से फोन करके पूछ रहे थे कि निराला कहां है तो पुलिस अधिकारी सीधे बोल रहे थे कि हमें नहीं मालूम कि कहाँ है।
श्री निराला ने अंशांक व्यक्त की कि सरकार के इसारे पर गोरखपुर पुलिस प्रशासन व जिला प्रशासन कभी भी उनके साथ अप्रिय घटना करा सकता है। जिस तरह मुझे 27 जनवरी की रात में पुलिस ने गिरफ्तार किया था वह गिरफ्तारी नहीं था बल्कि पुलिस ने मेरा अपहरण किया था। पुलिस मेरे गाड़ी में अवैध असलहा या अन्य अपराधिक सामाग्री रख कर मुझे फर्जी मुकदमें में फंसा सकती है। सरकार के इसारे पर गोरखपुर की पुलिस मेरे ऊपर प्राण घातक हमला करा कर मेरा हत्या भी करा सकती है।  मेरे साथ अगर कोई भी अप्रिय घटना होती है तो उनकी पूरी जिम्मेदार उ0प्र0 सरकार तथा गोरखपुर पुलिस प्रशासन तथा गोरखपुर जिला प्रशासन का होगा।
उन्होंने बताया कि मेरी गिरफ्तारी के बाद पुलिस प्रशासन ने अम्बेडकर जन मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष सीमा गौतम के घर पर लगातार दो दिनों तक रात में छापा मारा और सीमा गौतम के परिवार के सदस्यों के साथ दुर्व्यवहार किया। छापे के दौरान महिला पुलिस नहीं थी। रात में जबरिया उनके घर का गेट खोलवाकर पुलिस घर में घुस गई और अपशब्दों का प्रयोग किया है जो लोकतंत्र में हमारे अधिकारों का पूरा हनन है। इस क्रम में प्रदेश उपाध्यक्ष ऋषि कपूर आनन्द और जिलाध्यक्ष राजेन्द्र प्रसाद के घर भी पुलिस ने छापेमारी करके परिवार के सदस्यों के साथ दुर्व्यवहार किया है।
उन्होंने कहा कि जमानत के लिए प्रशासन ने दस लाख का जमानत बाण्ड जबरिय भरवाया। साथ ही मुझे हर दो दिन में मजिस्ट्रेट के सामने उपस्थित होकर होने को कहा गया है।
दलित नेता ने कहा कि सरकार की दमनकारी कार्यवाही के सामने अम्बेडकर जन मोर्चा कभी झुकेगा नहीं। हम आन्दोलन को और मजबूत बनायेगें और सरकार को हमारी मांग मानना ही पड़ेगा। अगली रणनीति की घोषणा बहुत जल्द की जाएगी।

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