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जन संघर्ष मंच हरियाणा के प्रांतीय सम्मेलन में मजदूर वर्ग को संगठित करने का आह्वान

कैथल (हरियाणा )। स्थानीय जवाहर पार्क में 27 फरवरी को शहीद चंद्रशेखर आजाद के 94वें शहीदी दिवस पर जन संघर्ष मंच हरियाणा का नौवां प्रांतीय सम्मेलन (खुला अधिवेशन) संपन्न हुआ। सम्मेलन की शुरुआत क्रांतिकारी गीतों के साथ हुई। कॉ. फूल सिंह  ने सम्मलेन की अध्यक्षता की।

सम्मेलन को संबोधित करते हुए जन संघर्ष मंच हरियाणा की महासचिव सुदेश कुमारी ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी चार वर्गों की बात करते हैं जिसमें गरीब, महिला किसान और नौजवान हैं, वह यह नहीं बताते कि इनको लूट कौन रहा है। यहां केवल दो वर्ग हैं – शोषक और शोषित। उन्होंने कहा कि आज जनता के पास ना रोजगार है, न नौकरी है और न ही स्वास्थ्य सुविधाएँ। उन्होंने बताया कि कैग रिपोर्ट में आयुष्मान योजना में बहुत बड़ा घोटाला सामने आया है। हरियाणा में दो लाख पद खाली पड़े हैं उनको नहीं भरा जा रहा है। रोजगार के लिए बच्चे कोचिंग लेते हैं परन्तु पेपर लीक हो जाता है और भर्ती रद्द कर दी जाती है। अब सरकार बेरोजगार लोगों को इसराइल भेज रही है जोकि फिलिस्तीन पर जुल्म करने वाला युद्धक देश है। सरकार कौशल रोजगार निगम के माध्यम से 40 हज़ार की नौकरी की जगह 18 हज़ार रुपए ही दे रही है। राष्ट्र में पूंजीवाद के चलते 73% संपत्ति 10% लोगों के पास चली गई है।

उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी हिंदू राष्ट्र की बात करते हैं परन्तु उनके राज में 80 करोड़ हिन्दुओं को ही मुफ्त के अनाज पर ज़िंदा रहना पड़ रहा है। हिन्दू राष्ट्र की बात करके वे हिंदू मुस्लिम के दंगे लगवाते हैं। जन संघर्ष मंच हरियाणा ने इसके खिलाफ आंदोलन चलाया है। उन्होंने कहा कि शहीद भगत सिंह व उनके साथियों ने जो आशंका व्यक्त की थी कि गोरी बुराई की जगह काली बुराई शासन पर बैठ जाएगी, 1947 में वही हुआ। आज जो थोड़ी बहुत राहत मिलती है वह भी केवल चुनाव के दिनों में ही मिलती है। यहां कहने को तो सबका वोट बराबर है लेकिन सबके आर्थिक जीवन अलग-अलग हैं, एक ओर अमीर लोग जहां ठाठ का जीवन व्यतीत करते हैं वहीं गरीब जनता नारकीय जीवन व्यतीत कर रही है।

कविता विद्रोही ने शहीद चन्दर शेखर आज़ाद के जीवन पर प्रकाश डालते हुए कहा कि वे आजादी आंदोलन के दौरान मजदूर वर्ग के सच्चे प्रतिनिधि थे।

मनरेगा मजदूर यूनियन के प्रधान कॉ. नरेश कुमार ने कहा कि समाज में दो वर्ग हैं – लुटेरा और कमेरा। हर चीज मेहनतकश वर्ग ने बनाई है, लेकिन उस पर कब्जा पूंजीपति वर्ग का है और मेहनतकश वर्ग हर चीज से वंचित है। मजदूरों को अपनी वर्ग राजनीति को समझना होगा और अंतिम लड़ाई मजदूरी व्यवस्था के ￶खात्मे में तक जाएगी।

जन संघर्ष मंच हरियाणा की उप प्रधान डॉ. सुनीता त्यागी ने कहा कि शहीदों का सपना बराबरी का समाज बनाने का था लेकिन हमें इस समाज में बेरोजगारी और महिलाओं पर अत्याचार मिले। महिलाओं को दोहरे शोषण की मार झेलनी पड़ रही है। पूंजीवाद के चलते महिलाओं को कार्यक्षेत्र से बाहर निकाल दिया जा रहा है। हर घंटे महिलाओं पर अत्याचारों की 51 FIR लिखी जा रही हैं। बीजेपी अपराधियों के साथ खड़ी है। उन्होंने बिल्किसबानो, आसिफा, कुलदीप सेंगर, बृजभूषण आदि के उदाहरण दिए। उन्होंने यह भी कहा कि हर तरफ नशाखोरी और अश्लीलता का आलम है। उन्होंने कहा कि बीजेपी जिस मनुस्मृति की बात करती है वह महिला-विरोधी है। महिलाओं का दोहरा शोषण पूंजीवादी व्यवस्था के खात्मे के साथ ही संभव है।

निर्माण कार्य मजदूर मिस्त्री यूनियन के प्रधान कॉ. करनैल सिंह ने कहा कि नरेंद्र मोदी महंगी चीजें पहनते हैं लेकिन वह ढिंढोरा सादगी का पीटते हैं। उनका एक पेन भी एक लाख रुपये का होता है। उनके पीछे धन्ना सेठों का गिरोह है। उन्होंने सभी श्रम कानून और कृषि कानून एक झटके में बदल दिए जो पिछली सरकारें नहीं बदल पाई। सुरंग में फंसे मजदूरों का उन्होंने कोई हाल-चाल नहीं पूछा, जब वह ठीक-ठाक निकलकर बाहर आ गए तो फिर उन्होंने उनके साथ बातचीत की। उन्होंने मजदूर वर्ग को संगठित और अनुशासित होने का आह्वान किया।

सम्मेलन के मुख्य वक्ता कॉ. पाल सिंह ने कहा कि 17-18 फरवरी को जन संघर्ष मंच हरियाणा का प्रतिनिधि सम्मेलन हुआ था, जिसमें कार्यकारिणी का गठन हुआ। उन्होंने कहा कि देश में आजादी के बाद समस्याएं ￶बढ़ी हैं। तथाकथित क्रांतिकारी संगठनों ने शहीदे आजम भगत सिंह का नाम तो लिया लेकिन संघर्षों को कोई दिशा नहीं दी। आज मजदूर की मजदूरी मर जाती है, महिलाओं पर भी जुल्म है लेकिन इसक खिलाफ कोई संघर्ष खड़ा नहीं हो रहा है। 1947 के बाद जो भी सरकारें बनी हैं वे पूंजीपति वर्ग की ही सरकारें हैं। यहां जिसके पास जितनी ज्यादा पूंजी है उतना ही ज्यादा उसका अधिकार है। यहां केवल मजदूर मालिक का झगड़ा है और हमारा दायित्व यह बनता है कि हम इस झगड़े को इस व्यवस्था के खात्मे तक ले जाएं।

सम्मेलन के अध्यक्षीय भाषण में कॉ. फूल सिंह ने कहा कि हमें शहीद भगत सिंह व उनके साथियों के सपने पूरे करने का संकल्प लेना है। उन्होंने ‘मोदी की गारंटी’ पर सवाल उठाते हुए कहा कि आज देश का मजदूर रोजगार मांग रहा है और रोजगार देने में नाकाम सरकार ने 80 करोड़ लोगों को अनाज देने जनता के हाथ में भीख का कटोरा पकड़ा दिया है। वह यह नहीं बताते कि 80 करोड लोग 5 किलो मुफ्त अनाज लेने की दशा में कैसे पहुंचे। उन्होंने मोदी खट्टर सरकार की दमनकारी नीति का विरोध करते हुए कहा कि आज जनता का कोई भी वर्ग अपने मुद्दों को लेकर संघर्ष करता है या विपक्ष सरकार के तानाशाही रवैये पर सवाल उठाता है तो उसका भयंकर दमन किया जाता है। अपनी मांगों को लेकर दिल्ली कूच पर निकले पंजाब के किसानों को खट्टर सरकार पुलिस की सहायता से हरियाणा पंजाब के बार्डर पर रोककर ड्रोन से आंसू गैस के गोले दागकर, लाठीचार्ज, गोलियां चलाकर आंखें फोड़ रही है, हड्डियां तोड़ रही है और जान से मार रही है यह अत्यंत निंदनीय है। मोदी सरकार वोट की राजनीति करते हैं, लेकिन मजदूर वर्ग को अपने संघर्ष पर विश्वास करना पड़ेगा और भगत सिंह को अपना मार्गदर्शक बनाना पड़ेगा। ￶सम्मेलन में संघर्ष के मुद्दों पर सात प्रस्ताव पास किये गए।

प्रतिनिधि सम्मेलन में चुनी गई नई राज्य कार्यकारिणी में प्रधान – फूल सिंह, उप प्रधान- सुनीता त्यागी व पाल सिंह, महा सचिव- सुदेश कुमारी, सचिव – रघुबीर विरोधिया, सहसचिव – सुरेश कुमार, वित्त सचिव – चन्द्र रेखा, प्रवक्ता – सोमनाथ व कार्यकारिणी सदस्यों में करनैल सिंह, नरेश कुमार, सुधीर शास्त्री, सूरजभान चहल, जोगिन्दर सिंह, मेहर सिंह व डॉ. लहना सिंह चुने गए।