गोरखपुर। कांग्रेस ने देवरिया से पार्टी के वरिष्ठ नेता अखिलेश प्रताप सिंह और बांसगांव सुरक्षित से बसपा से आए पूर्व मंत्री सदल प्रसाद को प्रत्याशी बनाया है। महराजगंज सीट से अभी प्रत्याशी घोषित नहीं हुआ है।
कांग्रेस ने 23 मार्च को उत्तर प्रदेश की नौ लोकसभा सीटों पर प्रत्याशी घोषित कर दिए। कांग्रेस-सपा गठबंधन में कांग्रेस को 17 सीटें मिली हैं।
कांग्रेस ने अमरोहा से बसपा से आए वर्तमान सांसद दानिश अली को प्रत्याशी बनाया है जबकि सहारनपुर से इमरान मसूद को मैदान में उतारा गया है। वाराणसी संसदीय सीट से कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अजय राय चुनाव लडेंगे। बाराबंकी से कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पीएल पुनिया के बेटे तनुज पुनिया को और कानपुर से आलोक मिश्र को प्रत्याशी बनाया गया है। झांसी से प्रदीप जैन आदित्य और फतेहपुर सीकरी से रामनाथ सिकरवार को प्रत्याशी बनाया गया है।
देवरिया से प्रत्याशी बनाये गए अखिलेश प्रताप सिंह रूद्रपुर से विधायक (2012-2017) रह चुके हैं। वे बाद के दोनों चुनाव हार गए थे। वे इस समय कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता हैं। श्री सिंह कांग्रेस आलाकमान के निकट माने जाते हैं। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने श्री सिंह के विधानसभा क्षेत्र रूद्रपुर से ही सितंबर 2016 में चर्चित खाट यात्रा का प्रारम्भ किया था।
श्री सदल प्रसाद दो दशक से अधिक समय तक बसपा में रहे। वे बांसगांव विधानसभा से पहली बार 2002 में बसपा के टिकट पर विधायक चुने गए थे। वर्ष 2007 में वह बसपा से फिर चुनाव लड़े और जीते। बसपा की सरकार बनी और उन्हें मई 2007 में व्यावसायिक प्राविधिक शिक्षा राज्य मंत्री बनाया गया। इसके बाद चुनावी सफलता उनसे रूठ गई और वे लगातार चुनाव हारते रहे।
वर्ष 2004 में उन्होंने बांसगांव से लोकसभा का चुनाव लड़ा। वे कांग्रेस के वरिष्ठ नेता एवं पूर्व केन्द्रीय मंत्री महावीर प्रसाद से 6441 मतों से हार गए। वर्ष 2014 और 2019 का लोकसभा चुनाव भी वह बसपा के टिकट पर लड़े लेकिन उन्हें सफलता नहीं मिली। वर्ष 2014 के लोकसभा चुनाव में उन्हें 228493 26.02 फीसदी ओर 2019 के चुनाव में 393205 40़55 फीसदी वोट मिले। दोनों बार वह दूसरे स्थान पर रहे और भाजपा के प्रत्याशी कमलेश पासवान से हारे।