लखनऊ में 800 लोगों को भोजन मुहैया करा रहे पूर्व सांसद राजेश पांडेय और उनकी बेटी रैना

कुशीनगर। कोरोना महामारी के दौर में देश भर में चल रहे लॉकडाउन के दौरान लखनऊ में कुशीनगर के पूर्व सांसद राजेश पांडेय और उनकी बेटी रैना पांडेय 138 झुग्गियों में निवास करने वाले 800 लोगों को दोनों वक्त का भोजन मुहैया कराने की मुहिम चला रहे हैं।

इन प्रवासियों में पूर्वोत्तर भारत के 160 व  सीतापुर, बहराइच, गोण्डा व सुल्तानपुर के लोग शामिल हैं यह लोग लखनऊ में रहकर दैनिक मजदूरी, रिक्शा चलाने के कार्य में लगे थे पर लॉकडाउन में घर नही जा पाए और यहीं फंसे रह गए.

पूर्व सांसद राजेश पाण्डेय की बेटी रैना पांडेय ने लखनऊ के लॉरेंट कालेज से पढने के बाद एमिटी यूनिवर्सिटी से इंटीरियर डिजाइनिंग का कोर्स किया हुआ है। साल 2019 के आखिरी तिमाही में रैना ने लखनऊ में ‘ रैना किचन ‘ की शुरुआत की। मेट्रो रेलवे से टाइअप के बाद उत्साहित रैना का स्टार्टअप गति पकड़ पाता की दुनिया के समक्ष कोरोना संकट आन पड़ा। लखनऊ में लॉकडाउन हुआ तो वहां के प्रशासन के सामने सबसे बड़ी समस्या फंसे प्रवासियों को भोजन मुहैया कराने की थी। ऐसे में रैना ने आगे बढ़कर जिला प्रशासन को सहयोग की निशुल्क पेशकश की।

जिलाधिकारी अभिषेक प्रकाश ने कैंट फ्लाईओवर, गुलाब सिनेमा, संयोगनगर, माता सुग्गा देवी मार्ग, चकबस्त रोड, जूते वाली गली, नियामतउल्लाह, साहिल मंडी, पुलिस उपायुक्त कार्यालय के पीछे रहने वाले प्रवासियों की सूची दी। जिसके बाद से लोगों को भोजन मिलने का सिलसिला कभी रुका नही। रैना की मुहिम के चलते प्रवासियों को दोनों वक्त बेहतर पैकेजिंग में कभी पूड़ी सब्जी तो कभी वेजिटेबल पुलाव (तहरी) मिल रही.

रैना ने बताया कि मां सुधा पांडेय की प्रेरणा से मैंने इस मुहिम की शुरुआत की है। आपदा की घड़ी में यदि हम पीड़ित मानवता के लिए कुछ कर पाते हैं तो हमारे लिए बेहद खुशी और गौरव के पल हैं। मेरी समझ से जीवन मे इससे बड़ी कोई उपलब्धि नही हो सकती। पूर्व सांसद राजेश पांडेय ने कहा कि प्रवासियों को भोजन मुहैया कराने का कॉन्सेप्ट बेटी रैना का है। मैं तो बस उसका सहयोग कर रहा हूं। उसने जब यह प्रस्ताव मेरे सामने रखा तो मैंने उससे यही कहा कि यह तो देश के हर युवा को करना चाहिए। पीड़ित मानवता की सेवा से बढ़कर कुछ नहीं है.