गोरखपुर। निषाद समाज की दावेदारी करने वाली एक और राजनैतिक पार्टी सामने आयी है। सर्वहारा विकास पार्टी नाम के इस नए राजनैतिक दल ने छह जनवरी को लखनऊ में पत्रकार वार्ता में अपना एजेंडा को सार्वजनिक करत हुए अपनी राजनीतिक यात्रा का ऐलान किया। यह पार्टी विधानसभा चुनाव में निषाद बहुल दो दर्जन से अधिक सीटों पर चुनाव लड़ने की तैयारी कर रही है।
इस पार्टी के अध्यक्ष अभी हाल में रिटायर हुए डीआईजी एमडी कर्णधार बने हैं। प्रदेश अध्यक्ष घनश्याम दत्त निषाद हैं। बृजेश कश्यप राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष, मृत्युंजय साहनी राष्ट्रीय प्रवक्ता, शांती देवी प्रदेश संगठन मंत्री बनाए गए हैं। राष्ट्रीय कार्यकारणी में अभिषेक निषाद, विनोद सहानी , डा आशा प्रसाद , चन्दन निषाद , बाबूलाल भारती, रमेश मल्लाह, इंद्रदेव निषाद , रामसनेही, घनश्याम निषाद , जगजीवन कश्यप ,शशिकान्त सहानी, इंद्रेश निषाद और पार्टी के संस्थापक इंजीनियर शिव साहनी हैं।
पार्टी बनाने वालों में पूर्वी उत्तर प्रदेश के निषाद नेताओं की प्रमुख भूमिका है। पार्टी के नेता सफेद टोपी पहन रहे हैं।
सर्वहारा विकास पार्टी का कहना है कि निषाद पार्टी से निषादों का मोहभंग हो गया है क्योंकि इसके अध्यक्ष ने अपने व परिवार हित के लिए निषाद वोटो का सौदा किया है। पार्टी के संस्थापकों में से एक इंजीनियर शिव साहनी, प्रदेश अध्यक्ष घनश्याम दत्त निषाद ने बताया कि निषाद पार्टी के अपने पथ से भटक जाने से निषाद समुदाय का दबाव था कि उनके वास्तविक समस्याओं, आरक्षण, रोजगार के सवाल को लेकर नया राजनैतिक नेतृत्व सामने आए। सर्वहारा विकास पार्टी का जन्म निषाद समाज की इसी वास्तविक चिंताओ और आंकाक्षाओं को लेकर हुआ है।
दोनों नेताओं ने गोरखपुर न्यूज लाइन से बातचीत करते हुए दावा किया कि कुछ ही दिनों में निषाद पार्टी के दर्जनों बड़े नेता पार्टी छोड़ देंगे और सर्वहारा विकास पार्टी ज्वाइन करेंगे।
दोनों नेताओं के अनुसार सर्वहारा विकास पार्टी बस्ती, सीतापुर, लखीमपुर खीरी, मऊ, महराजगंज, गोरखपुर, कुशीनगर, देवरिया, बलिया, आजमगढ़ आदि जनपदों में दो दर्जन से अधिक विधानसभा सीटों पर प्रत्याशी उतारेगी।
शिव साहनी ने बताया कि सर्वहारा समाज पार्टी से जुड़े तमाम नेता पिछले पांच वर्ष से एकलव्य वेलफेयर सोसाइटी के जरिए निषाद समाज के सामाजिक, शैक्षिक विकास के लिए कार्य कर रहे थे। एकलव्य वेलफेयर सोसाइटी का उत्तर प्रदेश के तीन दर्जन से अधिक जिलों में संगठन है। हम सभी पिछले कुछ वर्षो से महसूस कर रहे थे कि निषाद समाज के साथ-साथ तमाम ऐसे पिछड़े समाज हैं जिनमें राजनैतिक नेतृत्व नगण्य है। पिछड़ी और दलित राजनीति की अगुवाई करने के नाम पर कुछ सामाजिक ठेकेदारों का ही उभार हुआ है जो सिर्फ और सिर्फ अपने व परिवार के हित में पिछड़ी व दलित जाति के वोटों का सौदा कर रहे हैं। इसलिए सामाजिक बदलाव की प्रक्रिया ठहर गई है। इस जकड़न को तोड़ने के लिए हम आगे आए हैं और नए राजनीतिक दल का गठन किया है।
छह जनवरी को लखनऊ में हुए पार्टी के पहले कार्यक्रम में पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष एमडी कर्णधार ने कहा कि सर्वहारा विकास पार्टी लोकतांत्रिक, धर्मनिरपेक्ष और समाजवाद में आस्था रखने वाली राजनैतिक पार्टी है, जो समता मूलक समाज के निर्माण में विश्वास रखती है। पार्टी का प्रमुख उद्देश्य भारतीय संविधान द्वारा प्रदत्त समान अवसर के सिद्धांत को अपनाकर शोषित, वंचित, श्रमिक, महिलाओं और युवाओं के लिए विशेष अवसर उपलब्ध कराना है। सर्वहारा विकास पार्टी समाज के खासकर श्रमिक एवं शोषित वर्गों के उत्थान के लिए निरंतर कार्य करेगी और उन्हें सामाजिक विकास की मुख्यधारा में जोड़ने के लिए प्रतिबद्ध रहेगी।
उन्होंने कहा कि कुछ राजनितिक दलों ने समाज के सर्वाधिक पिछड़े वर्गों, जिसमें उत्तर प्रदेश के मछुआ समुदाय की गणना प्रमुखता से की जाती है, को मात्र अपना वोट बैंक मानकर उनके हितो के साथ सौदेबाजी कर अपना हित साधने का काम किया है। पार्टी का चिंतन है कि इस दुर्व्यवस्था, छल व प्रपंच से इन वर्गों को मुक्त कराकर इन वर्गों के हितो कि रक्षा हेतु स्वच्छ मन, निष्पक्ष भाव व् पूर्ण ईमानदारी के साथ जमीन पर उतरकर संघर्ष किया जाये।
उन्होंने कहा कि सर्वहारा वर्ग मानव इतिहास में सबसे महान एवं विशाल है। विचारधारा ,राजनीति और सांस्कृतिक विरासत की दृष्टि से इसे क्रांतिकारी वर्ग कहना कोई अतिश्योक्ति नही होगी परन्तु यह वर्ग आज भी शोषण का शिकार है जबकि इस वर्ग के पास देश की दिशा एवं दशा बदलने कि एक जबरदस्त क्षमता एवं प्रेरक शक्ति है। इस वर्ग को उसके राजनितिक एवं सामाजिक अधिकारों को वापस दिलाने के लिए सर्वहारा विकास पार्टी दृढ़ता पूर्वक आगे बढ़ेगी।
श्री कर्णधार ने कहा कि पार्टी चाहती है कि मंडल कमीशन की संस्तुतियों के अनुसार शिक्षा, रोजगार, चिकित्सा, व्यवसाय, न्याय आदि सभी क्षेत्रो में आरक्षण कि व्यवस्था लागू की जाए, , निजी क्षेत्र में भी आरक्षण लागूु किया जाए, जल जंगल और जमीन पर निषादो, आदिवासियों, भूमिहीनों को मालिकाना मिले और सबको एक समान शिक्षा, अवसर की समानता की गारंटी की जाए।
पार्टी का यह भी मानना है कि राजनीति में महिलाओं की राजनैतिक भागीदारी बढ़नी चाहिए। सर्वहारा समाज में वैज्ञानिक सोच व चेतना के विकास करने के लिए अंधविश्वास, रूढ़ियों व सामाजिक बुराईयो से निरंतर संघर्ष करने की जरूरत है।