गोरखपुर। बसपा के वरिष्ठ नेता एवं पूर्व मंत्री सदल प्रसाद छह मार्च को कांग्रेस में शामिल हो गए। नयी दिल्ली में कांग्रेस के राष्ट्रीय मुख्यालय पर राष्ट्रीय महासचिव व उत्तर प्रदेश के प्रभारी अविनाश पांडेय और उत्तर प्रदेश के अध्यक्ष अजय राय की उपस्थिति में उन्होंने कांग्रेस की सदस्यता ग्रहण की।
श्री सदल प्रसाद दो दशक से अधिक समय तक बसपा में रहे। वे बांसगांव विधानसभा से पहली बार 2002 में बसपा के टिकट पर विधायक चुने गए थे। वर्ष 2007 में वह बसपा से फिर चुनाव लड़े और जीते। बसपा की सरकार बनी और उन्हें मई 2007 में व्यावसायिक प्राविधिक शिक्षा राज्य मंत्री बनाया गया। इसके बाद चुनावी सफलता उनसे रूठ गई और वे लगातार चुनाव हारते रहे।
वर्ष 2004 में उन्होंने बांसगांव से लोकसभा का चुनाव लड़ा। वे कांग्रेस के वरिष्ठ नेता एवं पूर्व केन्द्रीय मंत्री महावीर प्रसाद से 6441 मतों से हार गए। वर्ष 2014 और 2019 का लोकसभा चुनाव भी वह बसपा के टिकट पर लड़े लेकिन उन्हें सफलता नहीं मिली। वर्ष 2014 के लोकसभा चुनाव में उन्हें 228493 (26.02) फीसदी ओर 2019 के चुनाव में 393205 (40.55) फीसदी वोट मिले। दोनों बार वह दूसरे स्थान पर रहे और भाजपा के प्रत्याशी कमलेश पासवान से हारे।
68 वर्षीय सदल प्रसाद के कांग्रेस में शामिल होने के बाद चर्चा है कि उन्हें बांसागंव (सुरक्षित) लोकसभा क्षेत्र से कांग्रेस का उम्मीदवार बनाया जाएगा। गोरखपुर मंडल की तीन लोकसभा सीट-बांसगांव, महराजगंज और देवरिया सपा-कांग्रेस गठबंधन में कांग्रेस के हिस्से में आयी है।
बांसगांव से कांग्रेस के टिकट के लिए सदल प्रसाद के अलाव कई दावेदार हैं जिनमें प्रियंका पासवान, अन्नू प्रसाद के नाम की भी चर्चा है।