Tag : जन संस्कृति मंच

साहित्य - संस्कृति

प्रसिद्ध कथाकार शिवमूर्ति बने जसम के प्रदेश अध्यक्ष

  नफरत,  हिंसा और अविवेक के खिलाफ जसम का प्रदेश सम्मेलन सम्पन्न लखनऊ, 16 अक्टूबर। जन संस्कृति मंच का दो दिवसीय सातवाँ राज्य सम्मेलन आजमगढ़...
साहित्य - संस्कृति

‘ प्रेम, संघर्ष व श्रम से मिलकर बनी है तश्ना आलमी की शायरी ‘

गोरखपुर न्यूज़ लाइन
स्मृति सभा  आयोजित कर संस्कृति कर्मियों, लेखकों ने  तश्ना आलमी को याद किया लखनऊ, 22 सितम्बर। कवि के लिए जरूरी है कि वह पहले इंसान...
साहित्य - संस्कृति

‘अपना सफर दूसरी रोशनी तक है ’ कहने वाले शायर तश्ना आलमी नहीं रहे

कौशल किशोर लखनऊ, 19 सितम्बर। ‘हमें दुश्मन मिटाना चाहते हैं/ उनकी हिमाकत तो देखिए/सूरज को बुझाना चाहते हैं।’ जैसी शायरी के लिए मशहूर उर्दू के...
साहित्य - संस्कृति

व्यवस्था की त्रासदी को समझने और उसे बदलने की बेचैनी नजर आई कविताओं में

मुक्तिबोध स्मृति दिवस पर जसम की ओर से 18 कवियों का कविता-पाठ राजेश कमल पटना, 11 सितंबर. आज जन संस्कृति मंच की ओर से हिंदी...
साहित्य - संस्कृति

करुणा, प्रेम को वापस लाते हैं भगवान स्वरूप कटियार

गोरखपुर न्यूज़ लाइन
कविता संग्रह “अपने-अपने उपनिवेश” का लोकार्पण,  नरेश सक्सेना की अध्यक्षता में मायामृग  और मदन कश्यप का काव्यपाठ डॉ संदीप सिंह लखनऊ, 12 सितम्बर। प्रेम नफरत के...
साहित्य - संस्कृति

तानाशाही, गैर-संवैधानिक, गैर-लोकतान्त्रिक ताकतों के खिलाफ साझा संघर्ष को आगे बढ़ाना ही गौरी लंकेश को सच्ची श्रद्धांजलि होगी

कन्नड पत्रकार गौरी लंकेश की हत्या के खिलाफ जन संस्कृति मंच का बयान नई दिल्ली, ७ सितम्बर. पांच सितंबर को कन्नड की अनभय दिलेर पत्रकार...
साहित्य - संस्कृति

पत्रकारों और लेखकों ने गौरी लंकेश की हत्या के खिलाफ सभा की, हत्या के लिए दक्षिणपंथी ताकतों को जिम्मेदार ठहराया

गोरखपुर, 7 सितम्बर। वरिष्ठ पत्रकार गौरी लंकेश की हत्या से आक्रोशित पत्रकारों, लेखकों, रंगकर्मियों ने 6 सितम्बर की शाम प्रेमचन्द पार्क में सभा कर इस...
साहित्य - संस्कृति

कविता के रूपवादी मिजाज में फिट नहीं बैठते त्रिलोचन और मुक्तिबोध – सूरज बहादुर थापा

लखनऊ, 18 अगस्त। राष्ट्रीय पुस्तक मेला, लखनऊ के मंच पर जन संस्कृति मंच की ओर से ‘स्मरण त्रिलोचन और मुक्तिबोध’ कार्यक्रम का आयोजन हुआ। इसके...
राज्य

कवि व श्रमिक नेता महेश प्रसाद श्रमिक नहीं रहे

कौशल किशोर अध्यक्ष, जन संस्कृति मंच, उत्तर प्रदेश  प्रतिष्ठित साहित्यकार, कवि, चिन्तक और श्रमिक नेता महेश प्रसाद श्रमिक नहीं रहे। उनका निधन 6 अगस्त रविवार...
साहित्य - संस्कृति

प्रेमचंद ने बहुत पहले सामाजिक-आर्थिक न्याय की बात की: रविभूषण

‘आज का समय और प्रेमचंद’ विषय पर संगोष्ठी के साथ जन संस्कृति मंच का सम्मेलन संपन्न पटना , 3 अगस्त. जन संस्कृति मंच के 15...
आडियो - विडियो

‘ तू है मरण, तू है रिक्त, तू है व्यर्थ, तेरा ध्वंस केवल एक तेरा अर्थ ‘

जन संस्कृति मंच के 15वें राष्ट्रीय सम्मेलन के पहले दिन (29 जुलाई) को खुले सत्र में ‘हिरावल’ ने मुक्तिबोध की कविता ‘पूँजीवादी समाज के प्रति’...
साहित्य - संस्कृति

भारतीय किसान की मृत्यु का शोकगीत है ‘ गोदान ’ -प्रो गोपाल प्रधान

प्रेमचन्द जयंती पर ‘ प्रेमचन्द और किसान ’ पर व्याख्यान अलख कला समूह ने ‘ गुल्ली डंडा ’ का मंचन किया गोरखपुर, 31 जुलाई। प्रेमचन्द...
समाचारसाहित्य - संस्कृति

प्रेमचन्द ने सरकारी नौकरी छोड़ने के बाद गोरखपुर में दो महीने करघा संघ चलाया था

मनोज कुमार सिंह प्रेमचन्द का गोरखपुर से गहरा सम्बन्ध है। उनके बचपन के चार वर्ष यहीं बीते तो जवानी के साढे चार वर्ष भी। वह...
साहित्य - संस्कृति

जन संस्कृति का 15वां राष्ट्रीय सम्मेलन 29-31 जुलाई को पटना में

– सामाजिक विभाजन, हिंसा और अविवेक के खिलाफ प्रतिरोध की आवाज मुखर करेंगे संस्कृति कर्मी -200 से अधिक प्रतिनिधि भाग लेंगे -उद्घाटन सत्र में बोलेंगे...
विचारविज्ञान - टेक्नोलॉजी

अवैज्ञानिकता के इस दौर में जनता के वैज्ञानिक का जाना…

राम नरेश राम जन संस्कृति मंच जन विज्ञान के लिए मशहूर बहुप्रतिभा के धनी प्रो. यशपाल हमारे बीच नहीं रहे। 24 जुलाई 2017 को 90...
साहित्य - संस्कृति

‘ मजदूरों से प्रेम करना ही सही मायने में देशप्रेम है ‘

उना आंदोलन के समर्थन में जन संस्कृति मंच और बुद्धिष्ट सोसायटी ने किया  कविता पाठ और परिचर्चा का आयोजन रामनरेश नई दिल्ली, 23 जुलाई. जन...
समाचारसाहित्य - संस्कृति

मुक्तिबोध की कविता नए भारत की खोज है: रामजी राय

प्रेमचन्द पार्क में ‘ मुक्तिबोध: जन्म शताब्दी स्मरण ’ कार्यक्रम का आयोजन युवा कथाकार मीनल गुप्ता ने कहानी ‘ लाल पशमीना ’ का पाठ किया...
साहित्य - संस्कृति

डा. संदीप जसम, लखनऊ के सह संयोजक बने

लखनऊ, 21 मई। युवा कवि व लेखक डा. संदीप कुमार सिंह को जन संस्कृति मंच की लखनऊ इकाई के सह संयोजक की जिम्मेदारी दी गई...
साहित्य - संस्कृति

साहित्य-राजनीति में प्रतिपक्ष की प्रबल आवाज थे राजेन्द्र धस्माना -जन संस्कृति मंच

मदन चमोली, पौढ़ी गढ़वाल 16 मई 2017 की रात पौढ़ी गढ़वाल (उत्तराखण्ड) में जन्में बुद्धिजीवी-चिन्तक, पत्रकार-सम्पादक, नाट्य कर्मी-संस्कृति कर्मी एंव साहित्य-राजनीति में प्रतिपक्ष की प्रबल आवाज...
समाचारसाहित्य - संस्कृति

लोकतंत्र व अभिव्यक्ति की आज़ादी के पक्ष में लखनऊ में धरना-प्रदर्शन

लखनऊ , 5 मार्च ।  शिक्षा संस्थानों पर भगवा हमले के खिलाफ और लोकतंत्र व अभिव्यक्ति की आज़ादी के पक्ष में खासतौर से डीयू के...