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उर्दू अकादमी के अध्यक्ष चौधरी कैफुलवारा के सम्मान में आयोजित हुआ बज़्म-ए-उर्दू

गोरखपुर। चौधरी अब्दुल रहमान मेमोरियल कमेटी, ख़ुनीपुर, गोरखपुर के तत्वावधान में उत्तर प्रदेश उर्दू अकादमी के नवनिर्वाचित अध्यक्ष चौधरी कैफुलवारा के सम्मान में एक बज़्म-ए-उर्दू एवं सम्मान समारोह का आयोजन किया गया।

बज़्म की अध्यक्षता श्री मुहम्मद एफ़राहीम ने की, जबकि विशिष्ट अतिथि गोरखपुर की पूर्व मेयर डॉ. सत्या पांडेय उपस्थित रहीं। रेडियो गोरखपुर के उद्घोषक मुहम्मद फर्रुख़ जमाल ने कार्यक्रम का संचालन किया।

इस मौके पर उत्तर प्रदेश उर्दू अकादमी के अध्यक्ष चौधरी कैफुलवारा ने कहा कि  मैं उर्दू भाषा को उसका उचित स्थान दिलाने का भरसक प्रयत्न करूँगा और उर्दू के प्रचार-प्रसार के लिए मैं कभी पीछे नहीं हटूँगा।

पूर्व मेयर डॉ सत्याा पाण्डेय ने कहा कि बीते हुए दिनों को गिनाने से क्या फायदा, सुबह एक नया सवेरा हमारा इंतजार कर रहा है

अतिथियों का स्वागत करते हुए चौधरी अब्दुल रहमान मेमोरियल सोसायटी के अध्यक्ष अरशद जमाल समानी ने कहा कि हमारे शहर गोरखपुर के लिए फख़्र की बात है कि हमारे शहर से एक उर्दू प्रेमी को उत्तर प्रदेश सरकार ने उर्दू अकादमी का चेयरमैन बनाया है। यह हम सबके लिए गर्व का अवसर है। मुझे आशा है कि आपके संरक्षण में गोरखपुर के साथ-साथ उत्तर प्रदेश के कवि और लेखक जो अब तक उर्दू अकादमी द्वारा दी जा रही सुविधाओं से वंचित रहे हैं, वे अब निश्चित रूप से अपना सही हक़ प्राप्त करेंगे।

डॉ फैज़ानुल्ला ने कहा कि गोरखपुर की साहित्यिक और काव्य परंपरा बहुत पुरानी है और अब चौधरी कैफुलवारा केे रूप में इसे एक नया जीवन मिला है और हमें उम्मीद है कि उत्तर प्रदेश उर्दू अकादमी, उर्दू साहित्य के प्रचार-प्रसार के लिए और प्रयासों को सामने लाने के लिए काफी कुछ करेगी। उर्दू लेखकों और शायरों के नए क़दम उठाएंगे।

कार्यक्रम को संबोधित करते हुए, माध्यमिक शिक्षा परिषद, पाठ्यक्रम समिति के सदस्य डॉ एहसान अहमद ने कहा कि उर्दू किसी एक संप्रदाय की भाषा नहीं है बल्कि यह गंगा-जमनी सभ्यता का प्रतीक है और भारत की स्वतंत्रता संग्राम में इसकी भूमिका को कभी भुलाया नहीं जा सकता। लेकिन दुर्भाग्य से इस भाषा को वो अधिकार नहीं मिला जिसकी की यह पात्र थी । प्रसिद्ध अफसाना निगार और आलोचक डॉ ओबेदुल्ला चौधरी ने कहा कि चौधरी कैफुलवरा की रहनुमाई में उर्दू अकैडमी उर्दू के उत्थान के लिए कुछ नए प्रयत्न अवश्य करेगी।  डॉ अरमानुल्लाह एडवोकेट ने कहा कि एकेडमी की तरफ से प्रदेश के विभिन्न नगरों में ऐसे सेंटर खोले जाने चाहिए जहां पर उर्दू की शिक्षा दी जा सके। साथ ही उर्दू को कंप्यूटर की आधुनिक प्रणाली से भी जोड़ा जाना चाहिए।

प्रसिद्ध और लोकप्रिय उर्दू शायर नसीम सलेमपुरी, रुबाई में महारत रखने वाले अब्दुल हक़ इमाम और नई पीढ़ी की कवित्री नुसरत अतीक़ आदि ने अपने-अपने काव्य संग्रह नव निर्वाचित अध्यक्ष को भेंट की। इस अवसर पर काव्य संध्या का भी आयोजन किया गया, जिसमें शहर के जाने-माने कवियों ने अपनी कविता प्रस्तुत की।

कार्यक्रम में वरिष्ठ समाजसेवी सरदार जसपाल सिंह, वरिष्ठ साहित्यकार एवं पत्रकार आसिम रऊफ़ , मारुफ़ अदब नवाज़ महबूब सईद हारिस , डॉ. ताहिर अली सब्ज़पोश, अब्दुल्ला सिराज, चौधरी रफीउद्दीन, चौधरी मोइनुद्दीन, चौधरी रुकनुद्दीन, चौधरी मोहम्मद जै़द, चौधरी मोहम्मद बिलाल, जमीर अहमद , साहिल आलम, अरशद अहमद, अज़ीम सलमानी, फैसल जमाल सामानी , मुर्तुजा रहमानी, अमरनाथ जयसवाल, रेहान, अरशद अहमद आज़मी आदि उपस्थित रहे ।