प्रयागराज। इंकलाबी नौजवान सभा (आरवाईए) ने रोजगार के सवाल पर एक अगस्त को दिल्ली में होने वाले यूथ पार्लियामेंट के लिए इलाहाबाद में मोहल्ले-मोहल्ले अभियान शुरू किया है। इसके तहत 29 जून को कटरा में अभियान चलाया गया। इस अभियान में आरवाईए के प्रदेश सचिव सुनील मौर्य, सोनू यादव ,नीरज गौतम, अनिरुद्ध ,भानु कुमार प्रमुख रूप से शामिल रहे।
आरवाईए नेता सोनू यादव ने कहा कि सरकार रोजगार देने के बड़े-बड़े वादे के साथ सत्ता में आई लेकिन रोजगार देने में पूरी तरह फेल हो गई। आज पूरे देश का नौजवान रोजगार के लिए दर-दर की ठोकरें खा रहा है लेकिन सरकार है कि रेल समेत लगभग सभी सरकारी संस्थाओं को निजी हाथों में सौंप कर रोजगार देने से ही पीछे हटती जा रही है। दो करोड़ रोजगार की बात छोड़ दीजिए, स्थाई रोजगार को भी सरकार भरने के बजाय खत्म करने में लगी हुई है। उत्तर प्रदेश समेत पूरे देश में नौजवान रोजगार आयोग में भ्रष्टाचार, पेपर लीक, आरक्षण घोटाला, नकल माफियाओं के खिलाफ सड़कों पर लड़ने के लिए मजबूर है लेकिन सरकार इन समस्याओं को दूर करने पर ध्यान नहीं दे रही है।
आरवाईए के प्रदेश सचिव सुनील मौर्य ने कहा कि उत्तर प्रदेश की सरकार ने पूरी तरह से शिक्षक भर्तियों पर रोक लगा दी है। नए शिक्षा सेवा चयन आयोग के नाम पर कार्यरत आयोगों- बोर्डों को पंगु कर दिया है। प्राथमिक से लेकर उच्च शिक्षा में नौकरी की उम्मीद लगाए अभ्यर्थी परेशान है लेकिन सरकार उनकी समस्या को सुनने के लिए तैयार नहीं है।
यूपीएसएसएससी द्वारा आयोजित परीक्षाओं का तमाम दावे के बावजूद नकल माफियाओं के गिरफ्त से दूर नहीं कहा जा सकता और परीक्षा के दौरान समुचित व्यवस्था का अभाव साफ साफ दिखाई देता है।
अभियान के दौरान नौजवानों से एक अगस्त को दिल्ली में होने वाले यूथ पार्लियामेंट में शामिल होने की अपील की गई।
यूथ पार्लियामेंट में नफरत के खिलाफ रोजगार अधिकार पर चर्चा होगी, जिसमें प्रमुख रूप से मोदी सरकार से 20 करोड़ रोजगार का हिसाब मांगने, भर्तियों पर रोक लगाने का पत्र वापस लेने, सभी रिक्त पदों को अविलंब भरने, संविदा- ठेका- आउटसोर्सिंग- एडहॉक नहीं, परमानेंट नौकरी की गारंटी करने, सभी आयोगों बोर्डों का वार्षिक कलेंडर जारी करने, 06 माह में भर्ती पूरी करने, एडमिट कार्ड को यात्रा पास घोषित करने, भर्तियों में भ्रष्टाचार, पेपर लीक पर रोक लगाने,
भर्तियों में पारदर्शिता व समुचित आरक्षण और लेटरल इंट्री पर रोक की गारंटी करने, निजीकरण पर रोक लगाने, रोजगार को मौलिक अधिकार बनाने समेत अन्य मांग होगी।