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युवा सच्चे सूफ़ियों का संदेश आत्मसात करें : उलमा किराम

गोरखपुर। बुधवार को आला हज़रत गली तुर्कमानपुर में जलसा हुआ। नात हाफिज सैफ अली व कासिद रजा इस्माईली ने पेश की। संचालन हाफिज अशरफ रजा ने किया।

मकतब इस्लामियात के बच्चों मो. रय्यान रजा, मो. उजैन रजा, अफीना खातून, मो. आरिश, माहिरा खातून ने किरात, नात, तकरीर कर लोगों का दिल जीत लिया।

मुख्य वक्ता मौलाना जहांगीर अहमद अजीजी ने कहा कि युवाओं को सच्चे सूफ़ियों व उलमा किराम के संदेशों को समझना चाहिए और आत्मसात करना चाहिए। सच्चे सूफ़ियों व उलमा किराम की परम्परा स्व से पूर्व समाज, ख़ुद से पहले आप और इच्छा से पूर्व कल्याण की रही है। यह बात राष्ट्र निर्माण और समाज के कल्याण पर भी लागू होती है। उन्हीं सूफ़ियों में शैख अब्दुल कादिर जीलानी का नुमाया नाम है। आपका लकब मोहिउद्दीन है, जिसका अर्थ दीन को ज़िंदा करने वाला है।

अध्यक्षता करते हुए नायब काजी मुफ्ती मो. अजहर शम्सी ने कहा हज़रत शैख अब्दुल कादिर जीलानी दीन-ए-इस्लाम का प्रचार करने के लिए बगदाद गए। आपने बगदाद में लोगों को दीन-ए-इस्लाम की बातें बताईं और चालीस सालों तक लगातार बहुत मजबूती से नेकी व दीन की बातों को फैलाते रहे।

विशिष्ट वक्ता कारी मो. अनस रजवी ने कहा कि हज़रत शैख अब्दुल कादिर जीलानी के पास बेशुमार इल्म था। जिसका फायदा दुनिया को मिला और दीन-ए-इस्लाम नये सिरे से ज़िंदा हुआ। कार्यक्रम के अंत में सलातो सलाम पढ़कर मुल्क में अमनो अमान की दुआ मांगी गई।

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