स्वास्थ्य

30 जनवरी से 13 फरवरी तक चलाया जाएगा स्पर्श कुष्ठ जागरूकता अभियान

गोरखपुर। जिले में 21 दिसम्बर से चार जनवरी तक चले कुष्ठ रोगी खोजी अभियान के तहत 59 नये कुष्ठ मरीज खोजे गये हैं । इन मरीजों में दो बच्चे भी शामिल हैं। इन सभी का इलाज शुरू करने के साथ साथ स्वास्थ्य विभाग का जोर लोगों को इस बीमारी के लक्षणों, बचाव के उपाय और इलाज के बारे में जागरूक करने पर है। जिले में 30 जनवरी से 13 फरवरी तक स्पर्श कुष्ठ जागरूकता अभियान चलाया जाएगा ।

यह जानकारी जिला कुष्ठ अधिकारी डॉ गणेश यादव ने दी। उन्होंने बताया कि मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ आशुतोष कुमार दूबे के दिशा निर्देशन में अभियान के संबंध में ब्लॉक स्तरीय अधिकारियों और कर्मचारियों का संवेदीकरण किया जा रहा है। स्पर्श कुष्ठ जागरूकता अभियान के जरिये विभिन्न गतिविधियों के माध्यम से लोगों को संदेश दिया जाएगा कि जिस प्रकार देश को पोलियो और चेचक जैसी बीमारियों से मुक्ति मिली है, उसी प्रकार कुष्ठ से भी मुक्त करना है। कुष्ठ रोग की दवा सभी सरकारी अस्पतालों में उपलब्ध है। अगर किसी व्यक्ति के त्वचा पर हल्के रंग के दाग धब्बे हैं जो कि सुन्न हैं तो यह कुष्ठ भी हो सकता है। ऐसे लोगों को तत्काल आशा और एएनएम की मदद से स्वास्थ्य केंद्र पर सम्पर्क करना चाहिए। उपचार में देरी होने पर कुष्ठ दिव्यांगता का रूप ले सकता है । इस अभियान का थीम होगा-भेदभाव का अन्त करें, सम्मान को गले लगाएं।

डॉ यादव ने बताया कि कुष्ठ न तो अनुवांशिक रोग है और न ही पिछले जन्म के पाप के कारण होने वाली बीमारी है । यह बैक्टेरिया के कारण होने वाला दीर्घकालिक संक्रामक रोग है । जो कुष्ठ रोगी उपचार नहीं लेते हैं उन्हीं के द्वारा छींकने या खांसने से इसका प्रसार हो सकता है । अगर कोई कुष्ठ रोगी मल्टी ड्रग थेरिपी (एमडीटी) की एक खुराक भी ले लेता है तो उससे दूसरे व्यक्ति तक संक्रमण का खतरा नहीं होता है । संक्रमण के बाद कुष्ठ रोग के लक्षण दिखने में पांच से सात साल तक का समय लग सकता है । कुष्ठ से प्रभावित उपचाराधीन व्यक्ति के साथ रहने में कोई दिक्कत नहीं है। समय से बीमारी की पहचान कर सम्पूर्ण इलाज छह माह (पीबी कुष्ठ रोग) से एक वर्ष (एमबी कुष्ठ रोग) के समयावधि में संभव है । कुष्ठ रोग के कारण होने वाली विकृतियों की भी समय से पहचान कर ऑपरेशन और अन्य  सहायक उपकरणों से ठीक किया जा सकता है ।

277 रोगी उपचाराधीन

जिला कुष्ठ परामर्शदाता डॉ भोला गुप्ता ने बताया कि जिले में 218 कुष्ठ रोगी पहले से उपचाराधीन थे। अभियान के दौरान खोजे गये 59 कुष्ठ रोगियों को मिला कर इस समय 277 कुष्ठ रोगी इस समय उपचाराधीन हैं। विकृति वाले कुष्ठ रोगियों को डॉ आसिफ की मदद से फिजियोथेरेपी का भी अभ्यास कराया जाता है । नये कुष्ठ रोगियों के आसपास के दस घरों में बचाव की दवा खिलाई जाएगी । जो नये बाल कुष्ठ रोगी मिले हैं उनके पूरे गांव में कांटैक्ट ट्रेसिंग होगी और आसपास के दस घरों में बचाव की दवा खिलाई जाएगी ।

गतिविधियों के बारे में मिली जानकारी

भटहट ब्लॉक के नान मेडिकल सुपरवाइजर रतनलाल ने बताया कि मासिक बैठक के दौरान स्पर्श कुष्ठ जागरूकता अभियान की गतिविधियों के बारे में विस्तार से जानकारी दी गयी है । खण्ड विकास अधिकारी और ग्राम सभा प्रमुख की मदद से कुष्ठ रोग संबंधी जागरूकता का संदेश पढ़ा जाएगा । ग्राम सभा प्रमुख के संदेश के जरिये कुष्ठ प्रभावित व्यक्ति के प्रति भेदभाव न करने की अपील की गयी । कुष्ठ से प्रभावित और उपचारित वरिष्ठतम व्यक्ति को ग्रामसभा द्वारा सम्मानित करवाया जाएगा । लोगों के बीच प्रश्नोत्तर सत्र आयोजित कर उन्हें जागरूक किया जाएगा ।

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