गोरखपुर। पूर्व विधायक अमन मणि त्रिपाठी नौ मार्च को बसपा छोड़ कांग्रेस में शामिल हो गए। उन्होंने उत्तर प्रदेश के कांग्रेस प्रभारी अविनाश पांडेय के समक्ष नई दिल्ली में कांग्रेस की सदस्यता ली। श्री अमन मणि त्रिपाठी के कांग्रेस में शामिल होने की जानकारी श्री अविनाश पांडेय ने देते हुए एक्स पर लिखा कि ‘ नौतनवा क्षेत्र के पूर्व विधायक अमन मणि त्रिपाठी ने श्री राहुल गांधी और कांग्रेस पार्टी की न्याय की लड़ाई में भरोसा जताते हुए कांग्रेस पार्टी की सदस्यता ग्रहण की। ‘
अमन मणि त्रिपाठी पूर्व मंत्री बाहुबली नेता अमर मणि त्रिपाठी के बेटे हैं। अमर मणि त्रिपाठी नौतनवा से चार बार विधायक रहे। अमर मणि त्रिपाठी और उनकी पत्नी मधु मणि को कवयित्री मधुमिता शुक्ला की हत्या में आजीवन कारावास की सजा हुई थी और अगस्त 2023 में उनकी समय पूर्व रिहाई थी।
अमन मणि पर अपनी पत्नी सारा सिंह की हत्या का केस चल रहा है। वर्ष 2017 में अमन मणि की गाड़ी फिरोजाबाद जिले में कथित रूप से दुर्घटनाग्रस्त हो गयी जिसमें सारा सिंह की मौत हो गई। सारा सिंह की मां ने अमन मणि पर हत्या का आरोप लगाते हुए केस दर्ज कराया। केस में चार्ज शीट दाखिल हो चुकी है और सीबीआई की गाजियाबाद स्थित स्पेशल कोर्ट में केस की सुनवाई चल रही है।
अमन मणि अपने पिता की सीट नौतनवा से 2017 में पहली बार सपा के टिकट पर चुनाव लड़ा था। यह चुनाव वह हार गए। इसके बाद वह 2017 में निर्दल चुनाव लड़े और 79666 मत प्राप्त कर विधायक बन गए। इस चुनाव में उनकी दोनों बहनों तनुश्री और अलंकृता ने चुनाव प्रचार किया था। विधायक बनने के बाद भी अमन मणि लगातार विवादों में बने रहे।
पिछले विधानसभा चुनाव में वह बसपा के टिकट पर चुनाव लड़ा लेकिन बुरी तरह हार गए। वह 46128 मत प्राप्त कर तीसरे स्थान पर रहे। भाजपा के रिषी त्रिपाठी निषाद पार्टी के टिकट से चुनाव लड़कर विधायक बने। नगर निकाय चुनाव के समय अमन मणि त्रिपाठी को बसपा से निष्कासित कर दिया गया।
कांग्रेस में शामिल होने के बाद उम्मीद की जा रही है कि उन्हें या उनके घर के किसी सदस्य को कांग्रेस उम्मीदवार बना सकती है। महराजगंज लोकसभा सीट इंडिया गठबंधन में कांग्रेस के खाते में आयी है। पिछला लोकसभा चुनाव कांग्रेस से पूर्व सांसद हर्षवर्धन की बेटी सुप्रिया श्रीनेत लड़ी थीं। उन्हें तीसरा स्थान मिला था।
सुप्रिया श्रीनेता इस समय कांग्रेस की राष्ट्रीय प्रवक्ता और सोशल मीडिया एवं डिजिटल प्लेटफार्मस की चेयरपर्सन हैं। एक मुखर नेता की उनकी छवि काफी पंसद की जाती है। कांग्रेस के मीडिया विभाग में अहम जिम्मेदारी होने के कारण कांग्रेस नेतृत्व उन्हें चुनाव नहीं लडाना चाहता है। इसलिए महराजगंज से मजबूत दावेदार की तलाश की जा रही है। अमन मणि या उनकी बहन यदि चुनाव लड़ते हैं तो महराजगंज की चुनावी लड़ाई रोचक हो जाएगी और वर्तमान सांसद एवं केन्द्रीय वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी की राह आसान नहीं रहेगी।
अमन मणि के चाचा अजीत मणि त्रिपाठी 2009 का लोकसभा चुनाव महराजगंज से लड़े थे। उन्हें इस चुनाव में 106602 वोट मिले। वह चुनाव हार गए लेकिन भाजपा प्रत्याशी पंकज चौधरी की हार का कारण बने। यह चुनाव कांग्रेस प्रत्याशी हर्षवर्धन जीते थे।